टेलीकॉम सेक्टर बहुत बड़े बदलाव हो रहे है। क्योकि सिंतबर 2024 आकड़े ने संकेत देते कहा है। रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, और वोडाफोन आइडिया ने ग्राहकों की संख्या में गिरावट दर्ज किया है जबकि इसमें देखा जाता है की बीएसएनएल ने अपने सब्सक्राइबर में बहुत ज्यादा इजाफा किया है। Reliance Jio Subscriber Loss ट्राई (भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण) के आकड़े ने यहाँ बताते है की जुलाई में बढ़ोतरी के बाद यह गिरवाट में देखा जा सकता है।
सितंबर 2024 में सब्सक्राइबर आंकड़े
रिलायंस जियो
- कुल नुकसान: 7.9 मिलियन यूजर।
- बाजार हिस्सेदारी: 40.20% (पिछले महीने 40.53% से कम)।
- जियो के लिए सब्सक्राइबर गिरावट का मुख्य कारण टैरिफ में बढ़ोतरी को माना जा रहा है।
वोडाफोन आइडिया (Vi)
- कुल नुकसान: 1.5 मिलियन यूजर।
- सक्रिय ग्राहक: 3.11 मिलियन घटकर 179.52 मिलियन पर पहुंच गए।
भारती एयरटेल
- कुल नुकसान: 1.4 मिलियन यूजर।
- सक्रिय ग्राहक: 1.31 मिलियन घटकर 380.68 मिलियन हो गए।
- हालांकि, 4G/5G सेगमेंट में 0.42 मिलियन नए ग्राहक जोड़े गए।
बीएसएनएल
- कुल लाभ: 849,493 यूजर।
- बाजार हिस्सेदारी: 7.98% (अगस्त में 7.84% से ऊपर)।
- 4G सेवाओं के विस्तार और टैरिफ न बढ़ाने के फैसले से बीएसएनएल ने नए ग्राहक जोड़े।
- 4G/5G ग्राहक: 1.5 मिलियन नए ग्राहक जुड़ने से कुल आधार 33.50 मिलियन हो गया।
वायरलेस ग्राहक आधार में गिरावट
- कुल वायरलेस ग्राहक:
- अगस्त 2024: 1.169 बिलियन।
- सितंबर 2024: 1.153 बिलियन (0.87% की गिरावट)।
- शहरी ग्राहक:
- अगस्त 2024: 633.21 मिलियन।
- सितंबर 2024: 628.12 मिलियन।
- ग्रामीण ग्राहक:
- अगस्त 2024: 530.63 मिलियन।
- सितंबर 2024: 525.60 मिलियन।
ग्रामीण क्षेत्रों में टैरिफ बढ़ोतरी का प्रभाव अधिक रहा है, जिससे वहाँ ग्राहक संख्या में तेजी से कमी आई है।
टैरिफ बढ़ोतरी का प्रभाव
ग्राहक छूटने का कारण
जुलाई में टैरिफ में बढ़ोतरी के कारण जियो, एयरटेल, और वोडाफोन आइडिया ने अपनी कीमतें बढ़ाईं। यह ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में ग्राहकों पर असर डाल रहा है, खासकर ऐसे यूजर्स पर, जिनके पास कई सिम हैं।
बीएसएनएल का फायदा
- बीएसएनएल ने अपने टैरिफ को स्थिर रखा है, जिससे उसने प्रतिस्पर्धी ऑपरेटरों से ग्राहक हासिल किए हैं।
- इसके 4G नेटवर्क विस्तार ने ग्राहकों को आकर्षित करने में मदद की है।
सक्रिय ग्राहक डेटा और नेटवर्क पर प्रभाव
रिलायंस जियो
- हालांकि कुल ग्राहक घटे हैं, लेकिन जियो के सक्रिय उपयोगकर्ता आधार में वृद्धि देखी गई।
- सक्रिय ग्राहक: 54.77 मिलियन।
भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया
- दोनों कंपनियों के सक्रिय ग्राहकों में गिरावट आई है, जिससे उनकी सेवाओं की निरंतरता और विश्वसनीयता पर सवाल उठता है।
बीएसएनएल
- बीएसएनएल का सक्रिय ग्राहक आधार मजबूत हुआ है, जिससे यह ग्रामीण और शहरी दोनों बाजारों में अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है।
बाजार हिस्सेदारी का विश्लेषण
रिलायंस जियो
- सबसे बड़े ऑपरेटर के रूप में जियो अपनी स्थिति बनाए हुए है, लेकिन इसकी बाजार हिस्सेदारी में मामूली गिरावट आई है।
बीएसएनएल
- बाजार हिस्सेदारी में सुधार के साथ, बीएसएनएल ने खुद को एक उभरते खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया है।
एयरटेल और वोडाफोन आइडिया
- एयरटेल और वोडाफोन आइडिया को न केवल ग्राहक नुकसान हुआ है, बल्कि उनकी बाजार हिस्सेदारी भी प्रभावित हुई है।
भविष्य की संभावनाएँ और रणनीतियाँ
1. जियो और एयरटेल के लिए पुनर्निवेश
- टैरिफ रेशनलाइजेशन: कंपनियों को ग्रामीण और लो-इनकम ग्राहकों के लिए किफायती योजनाएँ पेश करनी चाहिए।
- नेटवर्क सुधार: उच्च गति और बेहतर कवरेज के लिए नेटवर्क अपग्रेड जरूरी है।
2. बीएसएनएल का उभरता हुआ प्रभाव
- यदि बीएसएनएल 5G सेवाओं को तेजी से रोलआउट करता है, तो यह अन्य खिलाड़ियों के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है।
3. वोडाफोन आइडिया का पुनरुद्धार
- Vi को नए निवेश और नेटवर्क अपग्रेड के साथ अपनी स्थिति मजबूत करनी होगी।
निष्कर्ष
सितंबर 2024 के डेटा ने भारतीय टेलीकॉम सेक्टर में प्रतिस्पर्धा और ग्राहकों की प्राथमिकताओं में बदलाव को स्पष्ट किया है। टैरिफ बढ़ोतरी ने तीनों प्रमुख निजी ऑपरेटरों को प्रभावित किया है, जबकि बीएसएनएल ने अपनी स्थिति में सुधार किया है।
आने वाले महीनों में, यह देखना दिलचस्प होगा कि कंपनियाँ ग्राहकों को फिर से जोड़ने और अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए क्या रणनीतियाँ अपनाती हैं। रिलायंस जियो, एयरटेल, और वोडाफोन आइडिया को बीएसएनएल जैसे उभरते खिलाड़ी से सतर्क रहना होगा, जो अपनी बढ़ती ग्राहक संख्या और बाजार हिस्सेदारी के साथ आगे बढ़े।
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